Vivek Bindra Biography In Hindi | एक सन्यासी कैसे बना एशिया का सबसे बड़ा मोटिवेशनल स्पीकर

मै भटकता रहा ताउम्र-ए-ग़ालिब परिस्थितियाँ बदलने को पर बदल ना सका, लेकिन जिस दिन मनोस्थिति बदली परिस्थिति खुद-ब-खुद बदल गयी, इसलिए मनोस्थिति को बदल दो परिस्थिति खुद-ब-खुद बदल जायेगी। ये कहना है डॉ विवेक बिंद्रा जी का जिन्होंने अपने दम पर अपने जीवन को संवारा है और आज वो किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। मोटिवेशन के दुनिया के बेताज बादशाह, एशिया के सबसे बड़े मोटिवेशनल स्पीकर, badabusiness.com के Founder & CEO, एक पॉपुलर Youtuber और मेरे मोटिवेशनल गुरु (जिनसे प्रभावित होकर मैंने भगवद्गीता पढ़ना शुरू किया और मोटिवेशन की दुनिया में कदम रखा) के जीवन की कहानी को आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपके सामने लेकर आये हैं। “Vivek Bindra Biography In Hindi | एक सन्यासी कैसे बना एशिया का सबसे बड़ा मोटिवेशनल स्पीकर“।

नमस्कार दोस्तों, मै अमित दुबे आपका हार्दिक स्वागत करता हूँ………………………………..

Vivek Bindra Biography In Hindi


Vivek Bindra Biography In Hindi

प्रारंभिक जीवन :

डॉ विवेक बिंद्रा का जन्म 5 अप्रैल 1978 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हुआ था (ज्यादातर लोग उनका जन्म स्थान दिल्ली ही जानते हैं लेकिन वो गलत है)। जब वे महज ढाई वर्ष के थे तभी उनके पिता जी का निधन हो गया था और उसके कुछ दिनों बाद उनकी माता जी का किसी अन्य पुरुष के साथ विवाह हो गया था। उसके बाद से ही विवेक बिंद्रा अपने दादा और चाचा के पास रहने लगे और काफी लम्बे समय तक वे उन्ही के पास रहे।

दोस्तों, आप इस दुनिया के बारे में तो अच्छी तरह से वाकिफ हैं और समझ भी सकते हैं कि बिना माता-पिता का जीवन कैसा होता है यह वही जानता है जो उस दौर से गुजरा होता है। जहाँ तक मै समझता हूँ कि अब आप समझ ही गए होंगे कि विवेक बिंद्रा का जीवन कितना कठिन रहा होगा। इसी कारण ने उन्हें बचपन में ही संघर्षशील बना दिया था। जैसा कि हमने आपको पहले भी बताया कि विवेक बिंद्रा का जीवन बड़ा ही संघर्षमय रहा है जैसे – पढ़ाई करने के साथ-साथ डिक्शनरी बेचना, होम ट्यूशन करना, ट्यूशन सेंटर चलाना आदि।

एक कहावत है कि पूत के पाँव पालने में ही नज़र आ जाते हैं और यह कहावत विवेक बिंद्रा पर बिलकुल फिट बैठता है जानते हैं क्यों….? क्योंकि जब उन्होंने ट्यूशन सेंटर का काम शुरू किया तब उनके मन में एक विचार आया कि अगर इस काम को आगे और बढ़ाना है तो सिर्फ अकेले ट्यूशन पढ़ाकर काम नहीं चल पायेगा और उन्होंने मीडिएटर बनने का रास्ता चुना और पम्पलेट छपवाए और पूरी कॉलोनी और आस-पास के कॉलोनियों में बांटे कि हमारा ट्यूशन सेंटर होम ट्यूटर भी प्रोवाइड कराता है इसके लिए वह टीचर और स्टूडेंट के बीच के मीडिएटर बन गए, उनका यह काम चला भी लेकिन उन्हें अभी और आगे जाना था जिसके लिए उन्होंने वह काम बंद कर दिया।आश्चर्य की बात तो यह है कि उस समय विवेक बिंद्रा की उम्र महज 17 वर्ष की थी, जब उन्होंने एक Entrepreneur बनने की राह पकड़ी थी।

शैक्षणिक जीवन :

डॉ विवेक बिंद्रा बचपन से ही पढ़ने में बहुत अच्छे और अव्वल थे, उन्होंने अपनी बारहवीं तक की शिक्षा अलग-अलग स्कूलों से किसी तरह पूरी की और उसके बाद वह दिल्ली पहुंचे और दिल्ली के St.-Xavier College से BBA (1999-2001) और उत्तर प्रदेश के नोएडा के Amity College से International business में MBA (2001-2005) में पूरा किया। वह आगे भी और पढ़ना चाहते थे, उनका University of london business school में एड्मिशन भी हो गया था जो कि amity college का ही 2nd पार्ट था लेकिन उसकी फीस बहुत ज्यादा थी जो वह अफोर्ड न कर पाने के कारण आगे नहीं पढ़ पाये लेकिन उनके दिल में वह पछतावा रह ही गया।

विवेक बिंद्रा पढ़ाई के साथ-साथ स्पोर्ट्स में भी काफी रूचि लेते थे, और वहीं से उन्होंने एक जोशीला और पावरफूल वर्ड पाया है बाउंसबैक अपने सेमिनारों में वह ये वर्ड बाउंसबैक खूब इस्तेमाल करते हैं जो लोगों में जोश भरने का काम करता है, उन्हें स्पोर्ट्स में कई अवार्ड भी मिल चुके हैं।

पढ़ाई करने के लिए विवेक बिंद्रा के पास पर्याप्त पैसे नहीं थे इसलिए उन्हें Education Loan लेना पड़ा था। MBA करने के दौरान ही उनकी मुलाक़ात Iskon वालों से होती है जिनसे उन्हें भगवद्गीता पढ़ने की सलाह मिलती है और वहीं से उनके जीवन की एक नई शुरुआत होती है।

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सन्यासी जीवन :

अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद विवेक बिंद्रा को जीवन में अकेलापन सा महसूस हो रहा था, उन्हें कुछ समझ में नहीं आ रहा था की क्या करें और क्या ना करें क्योंकि माता-पिता का साया सिर पर था नहीं, ना कोई साथी था ना ही कोई सहारा था, इस दुनिया में कौन किसका होता है यह वही जानता है जिस पर गुजरी होती है।

विवेक बिंद्रा को एक रास्ता नज़र आता है जिसे अध्यात्म का रास्ता कहते हैं, क्योंकि जब कोई रिस्ता-नाता दूर-दूर तक नज़र ना आये तो एक रास्ता सभी के लिए खुला रहता है अध्यात्म का रास्ता जिसे बिंद्रा जी ने अपना लिया क्योंकि भगवद्गीता नाम का साथी उन्हें मिल ही गया था जो उन्हें खींचकर श्री कृष्ण की तरफ ले गया और वे भगवद्गीता के प्रचारक बन गये।

विवेक बिंद्रा ने लगभग चार वर्ष (2006-2010) तक एक सन्यासी का जीवन बिताया, जिसके अंतर्गत शास्त्रों को पढ़ना, भगवद्गीता का नियमित अध्ययन करना, सिर मुंडाकर रहना, जमीन पर सोना, मंदिर की साफ सफाई करना, शुद्ध शाकाहारी भोजन करना, कुर्ता-पायजामा पहनना, सादगी भरा जीवन जीना और दुःखी लोगों की मदद करना आदि शामिल था।

विवेक बिंद्रा अच्छे खासे पढ़े लिखे थे, इसके बावजूद भी उनमे ज़रा भी अहंकार नहीं था, आश्रम के जीवन ने उन्हें सेवा भावी भी बना दिया था, वह बहुत अच्छे वक्ता भी थे, उनको भगवद्गीता का अच्छा ज्ञान भी हो गया था इस कारण वह घंटों तक भगवद्गीता पर speech देते थे, यह सब देखते हुए उनके गुरु ने उन्हें एक सलाह दिया कि तुम अपने ज्ञान का इस्तेमाल लोगों का ज्ञान बढ़ाने में करो, इस आश्रम की दुनियाँ से बाहर निकलकर एक बड़ी आबादी तक अपने जोश और ज्ञान का सही इस्तेमाल करते हुए लोगों को motivate करने का काम करो लेकिन एक बात याद रखना भगवद्गीता को कभी मत भूलना।

इसके बाद विवेक बिंद्रा ने ट्रेनिंग की दुनियाँ में कदम रखा और अपनी व्यापार सम्बन्धी जानकारियों और भगवद्गीता की शक्ति के द्वारा ट्रेनिंग की दुनियाँ के बेताज बादशाह बन गये और आज हिन्दुस्तान का एक बहुत बड़ा तबका उनका दीवाना है। आज उनके Youtube चैनल पर (1 करोड़ 20 लाख) subscriber हैं जो उनके हर अगले वीडियो का बेशब्री से इंतज़ार करते रहते हैं।

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व्यापारिक जीवन :

विवेक बिंद्रा जब सन्यासी जीवन से आगे बढ़ते हैं, और व्यापार की दुनियाँ में कदम रखते हैं तो उन्हें बहुत सारे मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। सबसे पहली समस्या पैसों की कमी, उनके पास पूंजी के नाम पर कुछ भी नहीं था। लेकिन उनमे कुछ बातें ऐसी थीं जो इंसान को कहीं का कहीं पहुंचा सकती हैं वह थीं – आत्मविश्वास, बोलने की क्षमता, बिज़नेस की पढ़ाई, भगवद्गीता की शक्ति जिसके दम पर उन्होंने व्यापार की शुरुआत की उनकी कंपनी का नाम था ग्लोबल एक्ट जिसका ऑफिस जसोला विहार दिल्ली में था।

दोस्तों, दुनियाँ में तीन चीजें बिकती हैं – वस्तु, सेवा और विचार, विवेक बिंद्रा ने अपने कंपनी के द्वारा सेवा और विचार बेचने का काम शुरू किया। उनका मकसद था व्यापार जगत के लोगों को उन जानकारियों से अवगत कराना जिनका ज्ञान उन्हें कम या फिर बिलकुल नहीं था क्योंकि उन्होंने International business में MBA की पढ़ाई कर रखी थी इसलिए उनके पास व्यापारिक जगत का प्रचुर ज्ञान था और उनके पास जो सबसे ताक़तवर चीज थी वह थी किसी भी बात को सामने वाले तक सही तरीके से पहुंचाने की समझ जिसके कारण वह बहुत ही जल्दी पुरे भारत के कॉर्पोरेट जगत में अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो गये।

शुरूआती दिनों में उन्होंने बहुत ही समस्यायों का सामना किया, विवेक बिंद्रा बताते हैं कि एक छोटा सा ऑफिस और कुछ काम चलाऊ कर्मचारियों के साथ कम पूंजी में कोई स्टार्टअप कितना तकलीफों से भरा होता है यह तो स्टार्ट करने वाला ही जानता है लेकिन फिर भी जोश में कोई कमी नहीं थी और धीरे-धीरे सब कुछ ठीक होता चला गया।

2013 में विवेक बिंद्रा जी ने अपना Youtube चैनल बनाया और उसपे अपने motivational video डालने लगे उनके शुरूआती वीडियो ज्यादातर English में होते थे। क्योंकि उनका फोकस International बनने का था लेकिन धीरे-धीरे उन्हें एक बात समझ में आयी कि मै अपने ज्ञान का फायदा अपने ही देश के उन छोटे-बड़े व्यापारियों तक पहुँचाऊ जो एक बड़ी कीमत अदा करने में असमर्थ हैं इसलिए वे हिंदी में motivational वीडियो बनाने लगे जो उनको जबरदस्त रास भी आया और महज कुछ ही सालों में उनके Youtube चैनल पर करोड़ से ऊपर subscriber हो गये।

2016 में एक वक्त ऐसा भी आया था जब उनके पास अपने स्टाफ को सैलेरी देने के लिये उनके पास पैसे नहीं थे तब उन्होने अपना घर बेचकर पैसों का इन्तजाम किया था और यह बात जब बाद में उनके स्टाफ को पता चला तो वे लोग बिन्द्रा जी के प्रति बड़े भाऊक भी हुये थे।

दोस्तों, आज विवेक बिंद्रा जी एशिया के सबसे बड़े मोटिवेशनल स्पीकर हैं, हिन्दुस्तान के ज्यादातर बड़े कंपनियों के ट्रेनिंग के कॉन्ट्रैक्ट इन्ही के पास है। विवेक बिंद्रा हिन्दुस्तान के बड़े-बड़े कंपनियों के CEO को ट्रेनिंग देते हैं, उनके सेमीनार हिन्दुस्तान के हर बड़े छोटे शहरों में होते रहते हैं, उनका बाउंसबैक प्रोग्राम बड़ा फेमस है, देश के छोटे व्यापारियों से लेकर बड़े व्यापारियों तक सभी इनके वीडियो देखकर अपने व्यापारिक गतिविधियों में जबरदस्त सुधार ला चुकें हैं और उसका फायदा भी उन्हें देखने को मिल रहा है।

badabusiness.com :

बड़ा बिज़नेस डॉट कॉम यह विवेक बिंद्रा जी का एक बिज़नेस ट्रेनिंग प्लेटफार्म है, जिसमे देश के बड़े-बड़े- Entrepreneur शामिल हैं यह एक ऑनलाइन प्लेटफार्म है जिसका माध्यम है badabusiness.com नामक App जिसे आप Play Store से Download कर सकते हैं।

इस App के माध्यम से आपको व्यापारिक गतिविधियों की बारीकियों से अवगत कराया जाता है जिन्हे अपनाकर आप अपने व्यापार को बुलंदियों तक ले जा सकते हैं। इस App में आपको ढेरों वीडियो मिलेंगे जो व्यापार जगत के धुरंधरों से आपको रूबरू कराएंगे।

बड़ा बिज़नेस डॉट कॉम के अंतर्गत business ट्रेनिंग प्रोग्राम भी शामिल हैं जिसके लिए आपको उसकी निर्धारित फीस देनी होगी जिसमे आपको विशेष ट्रेनिंग की सुविधा मिलती है।

Vivek Bindra Biography In Hindi | एक सन्यासी कैसे बना एशिया का सबसे बड़ा मोटिवेशनल स्पीकर

अंततः

दोस्तों, डॉ विवेक बिंद्रा उन लोगों के लिए एक बहुत बड़े आदर्श हो सकते हैं, जो कम पूंजी में बड़ा बिज़नेस शुरू करना चाहते हैं क्योंकि उनकी कहानी से हमें जो सीख मिलती है उसमें एक बात तो साफ झलकती है कि जीवन में कुछ बड़ा करने के लिए आत्मविश्वास,दूरदृष्टि और कुछ बड़ा करने की ललक हो तो इंसान सफलता का स्वाद जरूर चखता है वो बात अलग है कि थोड़ा समय लग सकता है लेकिन मंज़िल एक दिन जरूर मिलती है।

तू चलता चल – मुसाफ़िर, बस चलता चल – बस चलता चल…… मंज़िल एक दिन जरूर मिलेगा – तू रुकना मत, बस चलता चल

अमित दुबे

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Thanking You…………………धन्यवाद /शुक्रिया /मेहरबानी………………….जय हिन्द – जय भारत

आपका दोस्त / शुभचिंतक : अमित दुबे ए मोटिवेशनल स्पीकर Founder & CEO : www.motivemantra.com

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