Arnab Goswami Biography In Hindi | अर्नब गोस्वामी का जीवन परिचय

दोस्तों, आज के मीडिया के उभरते हुए सितारे अर्नब गोस्वामी का नाम शायद किसी परिचय का मोहताज नहीं है। निडर, निर्भय, बेबाक और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के बेताज बादशाह जिनकी वजह से भारत का No. 1 न्यूज़ चैनल आज तक का भी नींद हराम है, क्योंकि इनका रिपब्लिक भारत न्यूज़ चैनल आज कल आज तक को टक्कर दे रहा है। “Arnab Goswami Biography In Hindi | अर्नब गोस्वामी का जीवन परिचय“।

नमस्कार दोस्तों, मै अमित दुबे आपका हार्दिक स्वागत करता हूँ………………………………..

आज के इस आर्टिकल में हम इन्ही साहेब के जीवन के बारे में चर्चा करेंगे कि अर्नब गोस्वामी कौन हैं, वैसे तो आप ये जानते ही होंगे की यह रिपब्लिक भारत न्यूज़ चैनल के Co-founder और Editor-in-chief हैं लेकिन हर एक सफल व्यक्ति के जीवन के पीछे कोई न कोई कहानी तो होती है और अगर कोई कहानी नहीं होगी तो वह सफल कैसे कहा जाएगा तो आइये अब आगे बढ़ते हैं और अर्नब गोस्वामी के जीवन की गहराई के बारे में जानते हैं।

Arnab Goswami Biography In Hindi | अर्नब गोस्वामी का जीवन परिचय

और पढ़ें…..दिल्ली-6 | पुरानी दिल्ली | पुरानी दिल्ली के 40 बाजार


Arnab Goswami Biography In Hindi

Arnab Goswami Biography In Hindi

पारिवारिक पृष्ठभूमि :

अर्नब गोस्वामी का जन्म 7 मार्च 1973 को उत्तर पूर्व भारत के असम राज्य के गुवाहाटी में एक असमियाँ ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनका बचपन राजनीतिक माहौल में बीता था शायद इसीलिए वे राजनीतिक उठापटक की समझ ज्यादा रखते है। उनके दादा रजनी कांत गोस्वामी एक वकील, कांग्रेस के नेता और एक स्वतंत्रता सेनानी थे। पिता का नाम मनोरंजन गोस्वामी है जो कि भारतीय सेना में अधिकारी थे और बाद में बीजेपी में शामिल हुए और माता का नाम सुप्रभा गेन गोस्वामी है जो एक राइटर हैं।

अर्नब गोस्वामी के नाना गौरीशंकर भट्टाचार्य NCP के नेता थे जो असम में कई साल तक विपक्ष के नेता के रूप में कार्य करते रहे। अर्नव के मामा सिद्धार्थ भट्टाचार्य गुवाहाटी पूर्व से बीजेपी के विधायक हैं।

शैक्षणिक जीवन :

अर्नब गोस्वामी एक सेना के अधिकारी के बेटे थे इस कारण उनकी शिक्षा अलग-अलग स्थानों से पूरी हुई। अर्नव ने अपनी दसवीं की शिक्षा दिल्ली के माउंट सेंट मैरी स्कूल से प्राप्त की जो दिल्ली छावनी में है। बारहवीं की शिक्षा केंद्रीय विद्यालय जबलपुर छावनी से प्राप्त की और स्नातक की शिक्षा हिन्दू महाविद्यालय दिल्ली से समाज शास्त्र विषय में प्राप्त किया।

अर्नब गोस्वामी ने अपनी मास्टर डिग्री सामाजिक विज्ञान विषय में ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय के सेंट अंटोनी विश्वविद्यालय से 1994 में प्राप्त किया जहां पर वे एक फेलिक्स विद्वान भी रह चुके हैं। वे सन 2000 में कैंब्रिज विश्वविद्यालय के सिडनी ससेक्स कॉलेज इंटरनेशनल स्टडीज़ विभाग में एक विजिटिंग फेलो थे जहाँ के वो डी सी पवेट फेलो रह चुके हैं।

Arnab Goswami Biography In Hindi | अर्नब गोस्वामी का जीवन परिचय

वैवाहिक जीवन :

अर्नब गोस्वामी के पत्नी का नाम साम्यव्रत राय गोस्वामी है। उनका एक बेटा भी है। उनका दिल्ली और मुंबई दोनों जगह पर आना-जाना लगा रहता है।

कैरियर :

अर्नब गोस्वामी ने अपने कैरियर की शुरुआत “द टेलीग्राफ” (कोलकाता) से की, जहाँ पर उन्होंने एक साल तक समाचार पत्र के संपादक के रूप में काम किया। उसके बाद 1995 में उन्होंने “द टीवी” में काम करना शुरू किया जहाँ पर वह दैनिक समाचार के एंकर थे और वह न्यूज़ टुनाईट नामक कार्यक्रम की रिपोर्टिंग करते थे।

इस तरह अर्नब गोस्वामी आगे बढ़ते हुए एक दिन “एनडीटीवी” का मुख्या हिस्सा बन गये। वे “न्यूज़ आवर” नामक कार्यक्रम की एंकरिंग करते थे। न्यूज़ आवर सबसे लम्बे समय तक चलने वाला समाचार विश्लेषण है, इतना लम्बा समाचार विश्लेषण किसी भी और चैनल में नहीं दिखाया जाता था।

अर्नब गोस्वामी (1998 – 2003) “एनडीटीवी 24 x 7” का मुख्य संपादक होने के कारण वह पूरे चैनल के प्रकरण के संपादन के जिम्मेदार थे। एनडीटीवी अर्नव के जीवन का वह प्लेटफार्म था जहाँ वह समाचार संपादक के रूप में प्रमुख टीम का अहम् हिस्सा रहे और 1998 से 2003 के बीच “न्यूज़ आवर” का संचालन किया। उसके बाद उन्हें एनडीटीवी का वरिष्ठ संपादक बनाया गया और 2006 में टाइम्स नाउ में जाने से पहले वह इसी पद पर काम करते रहे।

उनकी तेज तर्रार शैली की वजह से टाइम्स नाउ में उन्हें असली पहचान मिली उनके बोलने का अंदाज दर्शकों को खूब भाया और इसी वजह से टाइम्स नाउ देश में अंग्रेजी का सबसे ज्यादा देखा जाने वाला चैनल बन गया।

इस तरह अर्नब गोस्वामी ने टाइम्स नाउ में अपनी एक बेहतर जगह बनाई उनका अक्रामक अंदाज दर्शकों को कुछ इस कदर पसंद आया कि टाइम्स नाउ चैनल के वह सबसे बड़े कमाऊ पूत बन गये उस चैनल की 70% कमाई का जरिया अर्नब गोस्वामी बन गए थे इस कारण उन्हें संपादकीय निदेशक और प्रधान संपादक से प्रोन्नत कर टाइम्स नाउ और ईटी नाउ का प्रेसिडेंट-न्यूज़ और प्रधान संपादक बनाया गया।

उपलब्धियाँ :

11 जुलाई 2006 को मुंबई ट्रेन विस्फोट के समय में अर्नब ने 26 घंटे एंकरिंग की थी जिसमे उन्होने 200 से अधिक नेताओं के साक्षात्कार लिए थे। 65 घंटे से अधिक समय के लिए उन्होंने 26/11 के मुंबई आतंकी हमलों की रिपोर्ट दी थी। उन्होंने कुछ किताबें भी लिखी हैं जैसे – कोमपेटीबल टेरिरिज़्म, द लीगल चैलेंज आदि।

पुरस्कार :

  • 2003 – सर्वश्रेष्ठ प्रस्तोता या एंकर के लिए एशियन टेलीविजन अवार्ड ( द्वितीय पुरस्कार)
  • 2007 – सोसायटी यंग एचिवर्स अवार्ड फॉर एक्सीलेन्स इन द फील्ड ऑफ़ मीडिया
  • 2008 – इंडियन न्यूज़ ब्रोडकास्टिंग अवार्ड फॉर इन्नोवेटिव एडिटर इन चीफ
  • 2010 – असामीज़ ऑफ़ द ईयर अवार्ड (न्यूज़ द्वारा )
  • 2010 – रामनाथ गोलेका अवार्ड फॉर एक्सीलेन्स इन जर्नलिज़्म ( इंडियन एक्सप्रेस द्वारा )
  • 2012 – इएनबीए अवार्ड फॉर न्यूज़ टीवी एडिटर इन चीफ ऑफ़ द ईयर

अर्नब गोस्वामी और रिपब्लिक भारत :

2006 से 2016 तक अर्नब गोस्वामी एडिटर इन चीफ और इंडियन न्यूज़ चैनल टाइम्स नाउ और ईटी नाउ के एक समाचार एंकर थे। टाइम्स नाउ पर उन्होंने “The Newshour” एक लाइव बहस का खुलासा किया। उन्होंने एक विशेष टेलीविज़न कार्यक्रम की मेज़बानी भी की। 1 नवंबर 2016 को अर्नब ने टाइम्स नाउ के एडिटर इन चीफ के रूप में इस्तीफा दे दिया। उनका न्यूज़ चैनल रिपब्लिक टीवी 6 मई 2017 को शुरू किया गया था।

6 मई 2017 को अर्नब ने रिपब्लिक टीवी शुरू किया, जो एशियानेट द्वारा वित्त पोषित था। एशियानेट को मुख्य रूप से राज्यसभा के तत्कालीन स्वतंत्र सदस्य राजीव चंद्र शेखर द्वारा वित्त पोषित किया गया था , जिनका बीजेपी से सम्बन्ध था और वह केरल में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उपाध्यक्ष थे। बाद में उन्होंने आधिकारिक रूप से बीजेपी में शामिल होने के बाद एशियानेट के निदेशक के रूप में इस्तीफा दे दिया। रिपब्लिक टीवी लगातार 100 हफ़्तों तक अपनी स्थापना के बाद से भारत में सबसे ज्यादा देखा जाने वाला समाचार चैनल बन गया।

Arnab Goswami Biography In Hindi | अर्नब गोस्वामी का जीवन परिचय

अंततः

अर्नब गोस्वामी एक राजनीतिक परिवार से आते हैं, अगर वह चाहते तो राजनीति में भी उतर सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया उनकी रूचि कुछ अलग करने की थी और उन्होंने अपना अलग ही रास्ता चुना और मीडिया की दुनियाँ में कदम रखा।

पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने कोलकाता से “द टेलीग्राफ” से 1994 में अपना कैरियर शुरू किया और आज “रिपब्लिक टीवी” के Co-founder और Editor-in-chief हैं। सुनने में कितना अच्छा लगता है ना “Co-founder और Editor-in-chief” लेकिन क्या यह सब बहुत आराम से मिल जाता है, नहीं दोस्तों इसके लिए बहुत परिश्रम करना पड़ता है और उन्होंने किया भी तभी तो आज भारत का बच्चा-बच्चा जनता है उन्हें।

25 साल लगातार एक ही क्षेत्र में लगे रहने के बाद आज अर्नब गोस्वामी को एक जबरदस्त मुकाम मिला है, आज उनकी अपनी एक पहचान है, मीडिया जगत में एक उभरता हुआ सितारा जो किसी से डरता नही और सीना ठोक के कहता है कि “मै तो पूछूंगा” और उनका यही अंदाज कुछ लोगों को नागवार गुज़रता है और उन पर जानलेवा हमला करवाया जाता है।

मै अमित दुबे अर्नब गोस्वामी का बहुत बड़ा प्रशंसक हूँ, उनके डिबेट प्रोग्राम, उनके बात करने का अंदाज, उनकी कड़क आवाज, मीडिया के क्षेत्र में एक नया आयाम लेकर आया है, कोई कितना ही बड़ा धुरंधर क्यों ना हो वे अपने अंदाज के सामने किसी को भी टिकने नहीं देते और यही कहते हैं कि “मै तो पूछूंगा”।

मीडिया लोकतंत्र का चौथा खम्भा होता है, लेकिन आज का मीडिया लोकतान्त्रिक कम राजनीतिक ज्यादा हो गया हैं जब किसी चैनल की बात चलती है तो साथ में यह भी चर्चा चलती है की यह न्यूज़ चैनल फलां राजनीतिक पार्टी की विचारधारा पर चलती है।

अर्नब गोस्वामी जी आशा करता हूँ, कि आप किसी भी राजनीतिक पार्टी विशेष के न होकर लोकतंत्र के चौथे खम्भे को मजबूत करने में अपनी सकारात्मक भूमिका निभायेंगे, हम आशा करते हैं कि आप ऐसा ही करेंगे, आप आगे बढ़िये भारत आपके साथ है, हम आपके उज्ज्वल भविष्य की मंगल कामना करते हैं।

दोस्तों, आशा करता हूँ कि यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा, तो सोच क्या रहे हैं अभी इसी वक्त बिना देरी किये इसे अपने दोस्तों के साथ facebook, whatsapp, instagram, twitter आदि पर Share करें, ऊपर Like का botton है उस पर Like करें और अगर आप हमें कोई सुझाव देना चाहते हैं तो नीचे Comment Box में लिखें क्योंकि आपका सुझाव हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है, और सिर्फ आपका सुझाव ही नहीं बल्कि आप भी हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं, इसलिए अपना बहुत – बहुत – बहुत खयाल रखियेगा, मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

Thanking You…..धन्यवाद / शुक्रिया / मेहरबानी

आज के लिए सिर्फ इतना ही, अगले आर्टिकल में हमारी फिर मुलाक़ात होगी, तब तक के लिए.. जय हिन्द….जय भारत

आपका दोस्त / शुभचिंतक अमित दुबे ए मोटिवेशनल स्पीकर Founder & CEO www.motivemantra.com