मरने के बाद क्या होता है ? | मौत के बाद का सच

मरने के बाद क्या होता है ? > जो पैदा हुआ है वह एक दिन मरेगा जरूर यही हमारे जीवन का सबसे बड़ा सच है लेकिन सवाल यह है कि इंसान के मरने के बाद उसका शरीर जला या फिर दफना दिया जाता है उसके बाद से ही उस इंसान का आस्तित्व समाप्त हो जाता है। अब बात आती है कि आत्मा अमर है फिर वह कहाँ जाता है ? आपके सभी सवालों का जबाब इस आर्टिकल में मिलेगा, तो आइये अब शुरू करते हैं।

मरने के बाद क्या होता है ?
मरने के बाद क्या होता है ?

मरने के बाद क्या होता है ?

मृत्यु से सम्बंधित कड़वा सच

इस संसार में अगर कुछ सत्य है तो वो है मौत जो भी इंसान इस दुनियाँ में आया है उसे कुछ मिले ना मिले लेकिन एक चीज जरूर मिलती है और वह है मौत। मानव शरीर नाशवान है जिसे एक दिन नष्ट होना ही है इसमें कोई संदेह नहीं है। इसी के साथ एक बात और है कि इस दुनियाँ में कोई किसी का नहीं है, सब मतलब के साथी हैं।

जब इंसान की मृत्यु होती है तो उसके कुछ दिन बाद तक उसके मरने का शोक मनाया जाता है लेकिन धीरे-धीरे समय के साथ लोग उसे भूल जाते हैं। वह चाहे कितना ही प्रिय क्यों ना रहा हो आखिकार लोग उसे भूल ही जाते हैं और यह स्वाभाविक भी है कि जो इस दुनियाँ में रहा ही नहीं भला उसे याद करके क्या करना। लेकिन अब सवाल यह है कि आखिर मरने के बाद क्या होता है ?, तो आइये अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं मौत के बाद के सच के बारे में।

मौत के बाद का सच

मानव शरीर 5 तत्वों (अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी, आकाश) से मिलकर बना है और मरने के बाद इन्हीं में विलीन हो जाता है। धर्म चाहे कोई भी हो (हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, यहूदी, पारसी, जैन, बौद्ध) कर्म-कांड के तरीके भी अलग हो सकते हैं लेकिन जो सच है वो सच है और वह है 5 तत्वों से मानव जीवन का निर्माण और मौत के बाद उसी में विलीन इसमें जरा भी संदेह नहीं है।

हिन्दु धार्मिक मान्यता के अनुसार इंसान केे मृत्यु के पश्चात उसके शरीर को जला दिया जाता है लेकिन आत्मा तो अमर हैै और उसे तो कोई जला भी नहीं सकता और ना ही किसी अन्य प्रकार से उसे कोई नुकसान पहुँचाया जा सकता हैै।

माना जाता है कि मृत्यु के पश्चात यमराज आत्मा को स्वर्ग लोक लेकर जाते हैं जहाँ पर इंसान के किये गये कर्मों के अनुसार फल मिलता है। जो अच्छे कर्म किये रहता है उसे स्वर्ग का सुख और जो बुरे कर्म किये रहता है उसे नर्क भेजा जाता है जहाँ पर उसे बहुत सारी यातनायें झेलनी पड़ती हैं।

गीता में लिखा है कि इंसान के पिछले कर्मों के हिसाब से ही उसे दूसरा जन्म मिलता है भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि इंसान के तीन प्रकार केे गुण होते हैैं, (1) सतोगुण (2) रजोगुण (3) तमोगुण, आइये अब हम इनके बारे में जानते हैं :

सतोगुण

सतोगुण को सात्विक गुण कहा जाता है, जो इंसान भगवान के भक्ति में अपना ज्यादातर समय बीताते हैं, सत्संगी होते हैं, लोगों की भलाई जैसे कार्यों में लगे होते हैं, साफ-सुथरे शरीर और कपड़ों के साथ-साथ अपने मन को भी साफ रखते हुये सदाचार की राह पर चलते हुये अपना समस्त जीवन ईश्वर के बताये हुये राहों पर गुजारते हुये इस दुनियाँ से जाते हैं। इस श्रेणी में योगी, महात्मा, सन्यासी, ज्ञानी आदि आते हैं।

ऐसे लोग या तो स्वर्ग को प्राप्त होते हैं या फिर दोबारा अगर पृथ्वी पर मानव जन्म लेते भी हैं तो किसी सर्व-संपन्न परिवार, सत्संगी परिवार, महापुरुषों के परिवार, ब्राह्मण परिवार या फिर गाय के रूप में जन्म लेते हैं जिससे उन्हें सम्मान जनक जीवन जीने को मिले।

रजोगुण

रजोगुण को राजसी गुण अर्थात भोग-विलास वाला गुण कहा जाता है, इसमें इच्छा, लालच, उत्तेजना, वासना आदि का समावेश होता है। रजोगुणी व्यक्ति धन, बल, सत्ता प्राप्ति के चक्कर में अपना समस्त जीवन गुजारते हुये एक दिन इस दुनियाँ से चले जाते है। इस श्रेणी में राजनेता, व्यापारी आदि आते हैं।

ऐसे लोग दोबारा पृथ्वी पर साधारण मानव के रूप में जन्म लेते हैं और फिर से अपनी उधेड़-बुन भरी जिंदगी में लग जाते हैं। ऐसे लोगों की प्यास कभी बुझती नहीं है इसलिए इन्हें कभी चैन नहीं मिलता ये लोग खूब पैसा कमाते हैं और अपनी जिन्दगी जीते हैं साथ ही साथ दान-पुण्य जैसे कार्य भी करते हैं।

तमोगुण

तमोगुण को तामसी गुण कहा जाता है, आलस्य, निद्रा, गन्दगी, मदिरा-पान और मांसाहार आदि तामसी गुण होते हैं। ऐसे लोग शरीर के साथ-साथ मन के भी गंदे होते हैं। इनके अंदर आलस्य भरा होता है, ऐसे लोग मांस-मदिरा का अत्यधिक सेवन करते हैं जिसके कारण इनका दिमाग भी गन्दा हो जाता है जिसके कारण ऐसे लोग असामाजिक कार्यों में लिप्त रहते हुये एक दिन इस दुनियाँ से चले जाते हैं।

ऐसे लोग पशु-पक्षी, कीड़े-मकोड़े, रेंगने वाले जीव के रूप में पृथ्वी पर जन्म लेते हैं क्योंकि इन लोगों ने मानव शरीर को पाने के बाद भी पशु-पक्षियों, कीड़ों-मकोड़ों जैसी जिंदगी स्वीकार की इसलिए अगले जन्म में ये उसी योनि में जन्मते हैं।

दोस्तों, हर एक इंसान के अंदर ये तीनो ही गुण पाए जाते हैं, बस फर्क इतना है कि कौन किस गुण को कितना अपने जीवन में प्रयोग में लाता है। भगवान श्री कृष्ण गीता में इन तीनों गुणों की चर्चा करते हुये बताते हैं कि कभी सतोगुण रजो और तमो पर हावी हो जाता है, तो कभी रजोगुण सतो और तमो पर हावी हो जाता है, तो कभी तमोगुण सतो और रजो पर हावी हो जाता है लेकिन इंसान के मृत्यु के पश्चात् कौन सा गुण समस्त जीवन काल में औरों पर हावी रहा इसका अगले जन्म पर गहरा प्रभाव पड़ता है।

साधारण मृत्यु के बाद क्या होता है ?

साधारण मृत्यु अर्थात सामान्य मौत पाने वाले इंसान की आत्मा का क्या होता है आइये इसके बारे में जानते हैं। इंसान की मृत्यु के पश्चात् जब आत्मा शरीर को छोड़ती है तो उसके आँखों के सामने अँधेरा छा जाता है और वह बेहोश हो जाता है, कुछ देर तक उसे कुछ आवाजें सुनाई देती हैं और कुछ दृश्य दिखाई देते है और उसके बाद वह हमेशा के लिए गहरी निद्रा में सो जाता है अर्थात हमेशा-हमेशा के लिये इस दुनियाँ को छोड़कर चला जाता है।

मानव शरीर को छोड़ने के बाद आत्मा या तो उसी समय दूसरा गर्भ धारण कर लेती है या फिर कुछ समय के पश्चात प्राकृतिक नियमानुसार एवं उसके कर्मो के अनुसार उसे दूसरी योनि मिलती है जिसमे इंसान से लेकर जानवर या पशु-पक्षी या फिर कीड़े-मकोड़े की योनि हो सकती है। यह जरुरी नहीं कि इंसान मरने के बाद दोबारा फिर मानव रूप में ही पृथ्वी पर जन्म लेगा क्योंकि उसके पिछले जन्म के कर्म ही उसके अगले जन्म का निर्धारण करते हैं।

अकाल मृत्यु के बाद क्या होता है ?

अकाल मृत्यु अर्थात किसी अचानक दुर्घटना के होने के कारण मौत होने पर आत्मा का क्या होता है आइये अब हम इसके बारे में जानते हैं। जब किसी इंसान की अचानक मृत्यु होती है, जैसे – आकस्मिक दुर्घटना से, जहर खाने से, पानी में डूबकर मरने से, जलकर मरने से या फिर आत्महत्या करने से तब उसकी आत्मा भूत-प्रेत बन जाती है क्योंकि उसका शरीर तो नष्ट हो जाता है लेकिन उसकी आत्मा भटकती रहती है।

माना जाता है कि आत्मा किसी भी शरीर में एक निश्चित अवधि के लिये निवास करती है लेकिन जब वह शरीर उस निश्चित अवधि से पहले ही नष्ट हो जाता है तो आत्मा को तत्काल में कोई दूसरा शरीर नहीं मिल पाता जिसके कारण उसे मुक्ति नहीं मिल पाती और वह इधर-उधर भटकती रहती है इसी के साथ एक दूसरा कारण भी माना जाता है कि तय समय से पहले मृत्यु हो जाने के कारण उसकी इच्छाओं की पूर्ति भी नहीं हो पाती है जिसके कारण वह किसी दूसरे के शरीर को धारण करने की फ़िराक में रहता है जिसमे उस इंसान के करीबी लोग होते हैं।

इस आर्टिकल में हमने आपको बहुत ही संक्षेप और सरल शब्दों में बताया है कि मरने के बाद क्या होता है ? मृत्यु के बाद के बारे में विस्तार पूर्वक जानने के लिए आपको गरुड़ पुराण पढ़नी चाहिए क्योंकि उसमें मृत्यु के बाद से सम्बंधित अभी बातें विस्तार पूर्वक बताये गए हैं।

दोस्तों, आशा करता हूँ कि यह आर्टिकल आपके जानकारियों की सूची में चार-चाँद लगाएगा और आपको और ज्यादा जानकार बनाएगा।

आज के लिए सिर्फ इतना ही, अगले आर्टिकल में हम फिर मिलेंगे, तब तक के लिए, जय हिन्द-जय भारत।

लेखक परिचय

इस वेबसाइट के संस्थापक अमित दुबे हैं, जो दिल्ली में रहते हैं, एक Youtuber & Blogger हैं, किताबें पढ़ने और जानकारियों को अर्जित करके लोगों के साथ शेयर करने के शौक के कारण सोशल मीडिया के क्षेत्र में आये हैं और एक वेबसाइट तथा दो Youtube चैनल के माध्यम से लोगों को Motivate करने तथा ज्ञान का प्रसार करने का काम कर रहे हैं।

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