मंकीपॉक्स क्या है और कैसे फैलता है ? यह सवाल आज दुनियाँ के ज्यादातर लोगों के दिमाग में चल रहा होगा क्योंकि इस बीमारी को लेकर WHO (World Health Organization) अर्थात विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैश्विक आपातकाल घोषित कर दिया है और यह गहरी चिंता का विषय है।
क्योंकि अभी दुनियाँ कोरोना की बर्बादी से उबर नहीं पायी है, कोरोना के आँशु अभी थमे नहीं हैं फिर ये नया बवाल क्या है, यह कितना घातक है और इसके क्या परिणाम होंगे ये बातें लोगों को सोचने पर मजबूर कर रही हैं।
इस आर्टिकल के माध्यम से हम Monkeypox के बारे में विस्तार पूर्वक जानेंगे कि आखिर ये है क्या बला, यह कहाँ से आया है और आखिर कहाँ तक जायेगा, इससे मानव जाति को कितना खतरा है और इसके दूरगामी परिणाम क्या होंगे, तो आइये अब शुरू करते हैं।
मंकीपॉक्स क्या है और कैसे फैलता है ?
मंकीपॉक्स क्या है ?
मंकीपॉक्स चेचक जैसे बीमारी की तरह का एक वायरल संक्रमण है। 1958 में बंदरों पर शोध करते समय पहली बार इसके बारे में पता चला था और अगर मनुष्यों की बात करें तो 1970 में पहली बार इस संक्रमण के मामले में केस दर्ज होने के बारे में पता चला था।
यह संक्रमण मुख्यतः मध्य एवं पश्चिमी अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षावनों में होता है। लेकिन अब यह अफ्रीका से बाहर निकलकर दुनियाँ के अन्य देशों तक पहुँच गया है जैसे – अमेरिका, सिंगापुर, ब्रिटेन समेत कई अन्य यूरोपीय देश और अब तो भारत में भी इसकी एंट्री हो चुकी है, खबर मिली है कि भारत के केरल राज्य में Monkeypox के तीन मामले दर्ज किये गए हैं जिसके कारण भारत सरकार भी इस संक्रमण को लेकर काफी अलर्ट है।
मंकीपॉक्स के क्या लक्षण हैं ?
WHO के अनुसार इस बीमारी के लक्षण बुखार, शरीर पर अजीबोगरीब तरह के दानें और गांठ हैं, जो कि 15 दिन से लेकर 30 दिन तक मनुष्य के शरीर पर रहते हैं जो समयानुसार स्वतः ही ठीक होने लगते हैं।
और अगर मंकीपॉक्स नामक संक्रमण से मृत्यु दर की बात करें तो यह 3 से लेकर 10 प्रतिशत तक हो सकती है। वैसे इस संक्रमण को हल्के में नहीं लिया जा सकता क्योंकि यह कभी-कभी भयानक रूप भी धारण कर सकता है।
मंकीपॉक्स कैसे फैलता है ?
जैसा कि हमने पहले भी बताया है कि यह बीमारी सर्वप्रथम बंदरों में पायी गयी थी इसीलिए इसका नाम मंकीपॉक्स रखा गया था और अगर इसके फैलाव की बात करें तो यह बीमारी संक्रमित बंदरों और इंसानों के संपर्क में आने के कारण अन्य लोगों तक पहुँचता है।
और अगर इस बीमारी के वैश्वीकरण की बात करें तो यह एक देश से दूसरे देशों तक हवाई जहाज से यात्रा करने वालों के माध्यम से पहुँचता है। जूठे खाद्य सामग्री के माध्यम से, कपड़ो और बिस्तर के माध्यम से, यौन-संबंधों के माध्यम से और चूहों तथा गिलहरियों जैसे जानवरों के माध्यम से फैलती है।
दोस्तों, आशा करता हूँ कि यह आर्टिकल आपके General Knowledge को पहले से और बेहतर बनायेगा साथ ही आपको बुद्धजीवियों की श्रेणी में ले जायेगा, आज के लिए सिर्फ इतना ही, अगले आर्टिकल में हम फिर मिलेंगे, किसी नए टॉपिक के साथ, तब तक के लिए, जय हिन्द-जय भारत।
लेखक परिचय
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