सफलता की कीमत | Cost of Success

सफलता किसी के बाप की जागीर नहीं है, कोई भी इंसान सफल बन सकता है, हाँ-हाँ कोई भी इस कोई भी में आप भी हैं, बस इतना याद रखना कि इस दुनियाँ में कोई भी चीज किसी को भी मुक्त में नहीं मिलती। प्रकृति का एक नियम है कि वह किसी को भी कोई भी चीज मुक्त में नहीं देती तो आपको सफलता मुक्त में कैसे मिल जायेगी इसलिए सफलता की कीमत तो चुकानी पड़ेगी।

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सफलता की कीमत | Cost of Success

सफलता की कीमत | Cost of Success

अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसी कौन सी कीमत चुकानी पड़ेगी मुझे जिसके बदले मुझे भी सफलता का स्वाद चखने का अवसर प्राप्त हो, तो घबराइए मत ऐसा भी नहीं है कि वह कीमत बहुत बड़ी है लेकिन बहुत छोटी भी नहीं है, अब कीमत छोटी है या बड़ी इसका फैसला तो आप को ही करना है मै तो यहां पर सिर्फ आपको कीमत बताऊँगा तो आइये और आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि आखिर वो कौन सी कीमत आपको चुकानी पड़ेगी जिसके बदले आपको सफलता का स्वाद चखने का अवसर प्राप्त होगा।

सफलता की कीमत अदा करो, सफल हो जाओ।

आपकी नींद :

एक साधारण सा आंकड़ा है, जिसका सम्बन्ध इंसान के सफलता को उसके नींद से जोड़ता है कि एक व्यक्ति 24 घंटे में कितने घंटे की नींद लेता है आइये पहले उस आंकड़े को देखते हैं :

  • महान (Great) लोग 24 घंटे में 3 से 4 घंटे सोते हैं।
  • उद्यमी (Entrepreneur) लोग 24 घंटे में 5 से 6 घंटे सोते हैं।
  • औसत (Average) लोग 24 घंटे में 7 से 8 घंटे सोते हैं।
  • आलसी (Lazy) लोग 24 घंटे में 10 घंटे या उससे भी ज्यादा घंटे सोते हैं।

दोस्तों, ऊपर की लाइनों में नींद के घंटो को चार भागों में विभाजित किया गया है जिसके परिणाम स्वरुप महान, उद्यमी, औसत और आलसी लोगों को पहचाना जा सकता है। अगर आप इन आंकड़ों पर गौर करेंगे तो पाएंगे कि वाकई में आपके नींद के घंटे आपकी सफलता से जुड़े हुए हैं।

कलियुग में इंसान की उम्र 100 साल बताया गया है, लेकिन आज कल के हालात देखकर तो नहीं लगता कि अभी भी वह 100 साल तक जिन्दा रहेगा लेकिन 60 से 70 तक तो रहेगा चलिए 60 ही मान लेते हैं और उसी के अनुसार हम कुछ आंकड़ों पर बात करते हैं।

मान लीजिये एक व्यक्ति की उम्र 60 साल है, और वह 24 घंटे में 4 घंटे सोता है यानी अपने जीवन के 60 सालों में वह सिर्फ 10 साल ही सोया और 50 साल जागा और उसने उसी समय को सही तरीके से अपने जीवन में निवेश किया वही निवेश उसे एक दिन सफल बनाते हुए महान लोगों की लिस्ट में शामिल कर देती है। यही आंकड़े उद्यमी, औसत और आलसी लोगों पर भी लागु होते हैं अगर आप गौर करेंगे तो पाएंगे किआपके सोने के घंटों का आपके सफलता से बड़ा ही गहरा रिस्ता है। इसलिए आप अपने नींद को कम करके उसी बचाये गए समय को अपने काम में लगायें और यक़ीनन सफल हो जायें।

आपका शुकून :

सफलता की राह में सबसे बड़ा काँटा है, आपका शुकून क्योंकि “शुकून और सफलता” दोनों नदी के दो किनारों की तरह हैं जिनके मिलते ही इनका अस्तित्व ही ख़त्म हो जाता है। बहुत से लोगों को हमने यह कहते हुए सुना है कि “मै सफल भी हूँ और मुझे शुकून भी है” वे झूठ बोलते हैं क्योंकि सफलता स्थिर नहीं होती और सफल लोग अपने उपलब्धियों से कभी भी संतुष्ट न होकर अपनी अगली उपलब्धी के लिए काम करना शुरू कर देते हैं। इसलिए अगर आप सफल होना चाहते हैं तो आपको अपने शुकून का त्याग करना पड़ेगा। हाँ सफल लोग संसाधनों का भरपूर इस्तेमाल करते हुए सुख को प्राप्त करते हैं लेकिन उनके जीवन में शुकून नहीं होता।

आपका समय :

समय कहता है, कि ऐ इंसान अगर तू मेरी कीमत को समझेगा तो एक दिन मै तेरी कीमत बढ़ा दूंगा लेकिन अगर तूने मुझे बर्बाद किया तो मै तुझे ऐसा बरबाद करूँगा कि तुझे कोई पानी देने वाला भी नहीं होगा। समय की जो सबसे खाश बात है वह यह है कि वो रुकता नहीं किसी के लिए भी, चाहे राजा हो या रंक सबके साथ समान व्यवहार करता है और कहता है कि जब मै चल रहा हूँ तो तू क्यों रुका हुआ है मेरे साथ हमेशा चलता रह क्योंकि जो मेरे साथ चलता रहता है मै भी उसका ध्यान रखता हूँ। इसलिए आपको भी इसके महत्व को समझते हुए अपने ज्यादा से ज्यादा समय को अपने काम में लगायें समय को खुश करते हुए अपना मनचाहा मुकाम पायें।

आपका आलस्य :

आलस्य बुरी बला है, इसको अपनाकर आखिर कौन फुला और फला है। अगर आप अपने जीवन में सफल होना चाहते हैं तो आपको आलस्य को दूर भागना ही होगा क्योंकि आलस्य के कारण आप अपने किसी भी काम के प्रति टालमटोल करते हैं सोचते तो बहुत हैं पर आलस्य वश उसे करने में देरी लगाते हैं, आज, कल, परसों, तरसों करते-करते समय गुज़र जाता है और आप बस और बस सोचते ही रह जाते हैं, कुछ कर नहीं पाते हैं, और अगर कुछ करेंगे नहीं तो जाहिर सी बात है कि कोई परिणाम भी नहीं निकलेगा, इसलिए अगर जीवन में सफल होना है तो आलस्य को तो बाय-बाय कहना ही पड़ेगा।

आपकी आज़ादी :

आज़ादी अर्थात Freedom, वैसे तो इसे हर कोई प्राप्त करना चाहता है और लोगों को मिलनी भी चाहिये लेकिन कितनी यह चर्चा का विषय है। ज़रा सोचियेगा अगर उड़ते हुए पतंग को डोर से अलग कर दिया जाए तो क्या होगा, वह कितनी देर तक आसमान में टिकेगा जाहिर सी बात है कि काटने के साथ ही वह नीचे की तरफ गिरना शरू हो जाएगा और कुछ ही देर में जमीन पर पड़ा होगा और लोगों के पैरों से कुचला जा रहा होगा। ऐसी आज़ादी किस काम की जो अस्तित्व को ही खत्म कर दे।

आज़ादी के साथ जो सबसे बड़ी समस्या है, वह है अनुशासन हीनता, जैसे पतंग जब तक डोर से बंधी थी तब तक अनुशासन में थी लेकिन जैसे ही वह डोर से अलग हुई वह अनुशासनहीन हो गयी और ऐसा होते ही वह भटक गयी और उसके भटकते ही उसके अस्तित्व को खतरा हुआ परिणामतः वह जमीन पर पड़ी मिली। बिलकुल वैसे ही इंसान भी है अगर उसे सफलता का स्वाद चखना है तो अनुशासन का पालन करना होगा अर्थात अपनी आज़ादी का त्याग करना पड़ेगा।

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सफलता की कीमत | Cost of Success

सफलता की कीमत | Cost of Success

अभी तक हमने सफलता के लिये अदा करने वाली, कुछ खाश कीमतों के बारे में जाना जिनको अपनाकर कोई भी सफलता की सीढ़ी पर चढ़ सकता है। लेकिन पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त क्योंकि अब हम कुछ ऐसे खाश बातों पर चर्चा करने वाले हैं जो सुनने में आपको अजीब लगेंगे लेकिन ये सत्य हैं और सच कहूं तो मैने भी इस पर रिसर्च किया तो पाया कि वाकई में ज्यादातर सफल लोगों नें इनका त्याग किया है।

दोस्तों, सच थोड़ा सा कड़वा होता है, लेकिन सच होता है, एक कड़वी सच्चाई के बारे में नीचे की लाइनों में जिक्र किया जा रहा है लेकिन यक़ीनन सफलता के शिखर पर पहुँचने के लिए कारगर है लेकिन अफ़सोस की बात कि हर कोई इसको फॉलो नहीं कर सकता शायद इसीलिए एक बहुत बड़ा तबका अपने जीवन में सफल और अमीर नहीं बन पाता, आइये जानते हैं कि वो कौन सी कीमतें होती जिन्हे अदा करने के साथ ही आपके लिए सफलता के ज्यादातर दरवाजे खुल जाते हैं लेकिन इन्हे करना थोड़ा मुश्किल है लेकिन जिन्हें सफल होना है बल्कि होना ही होना है वे लोग ऐसा कर लेते हैं।

जो लोग सफलता की कीमत नहीं अदा कर सकते वे सफल नहीं हो सकते।

परिवार :

सफल लोग अपने लिए, अपने परिवार के लिए, रात-दिन काम में लगे रहते हैं क्योंकि उन्हें यह पता होता है कि पैसे कमाकर ही इस पृथ्वी पर बेहतर जीवन जिया जा सकता है लेकिन सच कहें तो वे अपने परिवार को ज्यादा समय नहीं दे पाते, हाँ उसकी पूर्ति वे पैसों और संसाधनों द्वारा करते है जिनके कारण उनके परिवार में पैसों और संसाधनों की कमी नहीं होती, एक कड़वी बात कहूं तो वैसे भी लोगों को आपसे ज्यादा आपका पैसा ही प्यारा होता है और सफल लोग इस बात को भली-भांति जानते भी हैं कि पैसा है तो इज़्ज़त है, पैसों के बिना इंसान की कोई इज़्ज़त नहीं है इसलिए वे अपना ज्यादातर समय पैसे कमाने में निवेश करते हैं

दोस्त :

आपके दोस्तों की महफ़िल भी, पैसों की चमक के आगे झुकती है क्योंकि जो दोस्त अमीर होता है उसकी ज्यादा वैल्यू होती है और जो गरीब होता है वह अमीर दोस्तों की मजाक या आलोचना का शिकार तो होता ही है साथ ही मज़बूरी में उसे चाटुकारिता भी करनी पड़ती है। सफल लोग इन बातों से अच्छी तरह वाकिफ होते हैं इसलिए वे दोस्तों के साथ बेकार में ज्यादा वक्त न बिताकर अपने काम में व्यस्त रहते हैं, पैसे कमाते हैं और कभी-कभार किसी शादी-पार्टी आदि में वे दोस्तों के बीच पैसे खर्च करके अपने-आप को लोगों के बीच खाश महसूस कराते हैं।

रिस्तेदार :

आपने, अपने किसी रिस्तेदार के यहाँ या फिर कहीं और शायद गौर किया हो कि एक रिस्तेदार शादी से एक हफ्ते पहले से ही आकर जम जाता है और डटकर हर काम में लगा रहता है, जिसे देखो वही उस आदमी को काम बता देता है, उसे भी ऐसा लगता है कि मै ऐसा करके अपने रिस्तेदार के लिए खाश बन जाऊँगा क्योंकि वह थोड़ा गरीब या कमज़ोर होता है और सोचता है कि आज मै अपने अमीर रिस्तेदार के काम आऊंगा तो कल ये भी मेरे काम आएंगे। लेकिन वैसा बिलकुल भी नहीं होता क्योंकि वह अमीर रिस्तेदार उस गरीब रिस्तेदार की मदद उसके औकात के हिसाब से ही करेगा।

सफल लोग, इस तरह की बातों को अच्छी तरह से जानते और समझते हैं कि अगर रिस्तेदारी में नाम और इज़्ज़त पाना है तो थोड़ी देर की प्रस्तुति बड़े उपहार के साथ वाला फार्मूला चर्चे का विषय बनता है, इसलिए सफल लोग अपना वक्त अपने काम में ही निवेश करते हैं और उससे ढेरों पैसे कमाकर लोगों के दिलों में प्रवेश करते हैं।

समाज :

समाज में भी उन्ही लोगों की इज़्ज़त होती है, जिनके जेब में पैसे होते हैं क्योंकि समाज में रहने और टिके रहने के लिए हर कदम पर खर्चे करने पड़ते हैं अगर आप लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करना चाहते हैं तो, बाकी ऐसे लोग तो समाज में मौजूद ही हैं जो लोगों के बीच में रहते हुए भी नज़र नहीं आते क्योंकि “उनकी जेब में नहीं होते पैसे ,इसलिए कोई भी नहीं पूछता की आप हैं कैसे” इन बातों को भी सफल लोग बखूबी जानते और समझते हैं, इसीलिए वे समाज में कम और अपने काम में ज्यादा समय देते हैं क्योंकि उन्हें पता है कि जब कोई सामाजिक या धार्मिक आयोजन होगा तो वे वहाँ बड़ा रकम दान में देकर अपनी प्रस्तुति को जबरदस्त बना लेंगे।

दुनियाँदारी :

हालाँकि दुनियाँदारी इस दुनियाँ में रहने के लिए बहुत जरुरी है, लेकिन उसमे आपकी भागीदारी किस तरह की और कितनी होनी चाहिए यह आपको अपने हिसाब से तय करना होता है, सफल लोग बहुत ही चालाकी से इसमें अपनी भागीदारी दिखाते हैं वे कहीं भी रहें, किसी भी हाल में रहें और कितने भी व्यस्त रहें लेकिन जरुरत पड़ने पर अपनी प्रस्तुति का एहसास करा देते हैं, वे बेकार में अपना समय दुनियादारी में न लगाकर सिर्फ उपयुक्त समय पर अपनी एंट्री दे देते हैं।उनका मानना होता है कि सफल वही है ” जो जहाँ जाए वहाँ छा जाए” क्योंकि आपकी प्रस्तुति भले ही कम हो लेकिन जितनी भी हो उसमे दम हो।

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सफलता की कीमत | Cost of Success

सफलता की कीमत | Cost of Success

कड़वी दवा का कमाल, आप होंगे मालामाल :

दोस्तों, यहाँ पर अब मै आप से रूबरू बात करते हुए यह कहना चाहता हूँ कि ऊपर की लाइनों में जो बातें बताई गयी हैं वह थोड़ी कड़वी हैं, उन्हें हर कोई व्यक्ति अपने जीवन में समाहित नहीं कर सकता शायद मै भी नहीं, लेकिन बहुत सारी सफलता की किताबें पढ़ने के बाद मैंने महसूस किया कि अगर वाकई में इंसान को सफल और अमीर बनना है तो इन सब बातों को आपको अपने जीवन में शामिल करना पड़ेगा क्योंकि तभी दिखेगा कड़वी दवा का कमाल और आप होंगे मालामाल।

अब आपके दिमाग में एक सवाल पनप सकता है, कि अगर इंसान नींद, शुकून, आलस्य, समय, आज़ादी, परिवार, दोस्त, रिस्तेदार, समाज और दुनियाँदारी सब कुछ त्यागकर सिर्फ सफलता के पीछे भागेगा तो उस सफलता का मायने क्या होगा, जब तक हम सफल बनेंगे तब तक तो लोग हमसे बहुत दूर जा चुके होंगे।

यहाँ पर मै आपसे एक बात कहना चाहूंगा, कि जब आप ऐसा करेंगे तो शुरुआत में आपको थोड़ी सी परेशानी का सामना करना पड़ेगा लेकिन जैसे-जैसे आप आगे बढ़ेंगे आपको और लोगों को भी इसकी आदत पड़ जाती है और जैसे ही थोड़ी सी कामयाबी आपको मिलनी शुरू होती है लोग स्वतः ही आपके करीब आने की कोशिश करने लगते हैं क्योंकि तब आप लोहा नहीं बल्कि चुम्बक बन जाते हैं और आपको कहीं भी जाने की जरुरत नहीं पड़ती बल्कि लोग आपके पास आने लगते हैं।

सफलता की कीमत अदा करो, सफलता हासिल करो।

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Thanking You / धन्यवाद / शुक्रिया / मेहरबानी……………………………..जय हिन्द – जय भारत

आपका दोस्त / शुभचिंतक : अमित दुबे ए मोटिवेशनल स्पीकर Founder & CEO motivemantra.com

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