गीता अध्याय-६ ध्यानयोग || Operation Gita
दोस्तों, पिछले आर्टिकल अध्याय-५ (कर्म-सन्यास योग) अंत में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को बताया कि हे अर्जुन, मुझे समस्त यज्ञों तथा तपस्याओं का परम भोक्ता, समस्त लोकों तथा देवताओं का परमेश्वर एवं समस्त जीवों का उपकारी एवं हितैषी जानकर मेरे भावनामृत से पूर्ण पुरुष भौतिक दुखों से शांति लाभ करता है। इससे आगे श्री […]