गौर गोपाल दास एक लेखक, सन्यासी, आध्यात्मिक गुरु और मोटिवेशनल स्पीकर हैं जो कभी इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर हुआ करते थे लेकिन ऐसी कौन सी घटना उनके जीवन में घटी जिसने उन्हें सन्यासी बना दिया आइये जानते हैं इस आर्टिकल के माध्यम से…..गौर गोपाल दास की जीवनी>Gaur Gopal Dass Biography में हम इनके जीवन के बारे में गहराई से जानेंगे, तो आइये अब शुरू करते हैं।
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गौर गोपाल दास की जीवनी>Gaur Gopal Dass Biography
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प्रारंभिक जीवन
गौर गोपाल दास (जिनका पूरा नाम प्रभु गौर गोपाल दास है) का जन्म 24 दिसंबर 1973 को महाराष्ट्र राज्य के पुणे में एक मारवाड़ी परिवार में हुआ था, उनके पिता एक सरकारी कर्मचारी थे जो मेदोलोजिकल विभाग में कार्यरत थे, उनकी माता एक ग्रहणी थीं।
ये साहेब बचपन से ही एक होनहार और जिद्दी स्वभाव के बालक थे, साथ ही पढ़ाई में भी अव्वल छात्र थे, परिवार में इकलौते बालक होने के कारण गौर गोपाल दास सबके लाडले थे, जिस दिन घर में उनके मन का खाना नहीं बनता था उस दिन वे नाराज हो जाते और खाना भी नहीं खाते थे।
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शैक्षणिक जीवन
अगर हम गौर गोपाल दास के पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई St. Jude High School, Dehu Road, Pune (Maharashtra) से तथा आगे की पढ़ाई 1992 में Cusrow Wadia Institute of Technology, Pune (Maharastra) से इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के रूप में डिप्लोमा किया तत्पश्चात उन्होंने 1995 में Collage of Engineering, Pune (Maharastra) इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त किया।
जैसा की हमने आपको पहले भी बताया था कि ये साहेब पढ़ने-लिखने में बचपन से ही होशियार थे और आगे भी समय के साथ उनकी होशियारी बढ़ती ही गई परिणामतः 1995 में जब उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री अच्छे नंबरों से प्राप्त किया तभी उन्हें HP (Hewlett-Packard) नामक कंपनी से जॉब ऑफर आया और उन्होंने वहां जॉब करनी शुरू कर दी।
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परिवारिक जीवन
अगर हम गौर गोपाल दास के परिवार की बात करें तो वे फ़िलहाल सन्यासी हैं अपने घर-बार को छोड़ चुके हैं, अविवाहित हैं, इस्कॉन टेम्पल में ही रहते हैं , हाँ उनके परिवार के अन्य सदस्यों की बात करें तो उनके पिता जी मौसम विज्ञान विभाग में कार्यरत थे, उनकी माता जी एक ग्रहणी थीं और उनकी एक छोटी बहन भी है।
1996 में उन्होंने अपने गुरु राधानाथ स्वामी जी से दीक्षा प्राप्त की और एक इंजीनियर से एक सन्यासी बनने की राह पर निकल पड़े और आज एक लेखक, सन्यासी, आध्यात्मिक गुरु और मोटिवेशनल स्पीकर के रूप में अपनी एक बड़ी पहचान बनाई है। अब उनका घर और परिवार उनके इस्कॉन के साथी और उनके फॉलोवर हैं।
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आध्यात्मिक जीवन
एक इंटरव्यू में जब गौर गोपाल दास से पूछा गया कि क्या आपने सन्यासी बनने के बारे में कभीं सोचा था ? इस पर जवाब देते हुए उन्होंने बताया कि, नहीं मैंने यह कभी भी नहीं सोचा कि मै कभी सन्यासी बनूँगा लेकिन हाँ मेरे दिमाग में बचपन से ही एक बात घर कर गई थी कि मै बड़ा होकर लोक कल्याण जैसे कार्यों में भागीदार बनूँगा।
गौर गोपाल दास जब थोड़े बड़े हुए तो उन्होंने देखा कि उनके गांव में एक मास्टर साहेब गांव के कुछ बच्चों को मुक्त में अंग्रेजी की शिक्षा प्रदान करते थे इसके अलावा उन्होंने यह भी देखा कि उनके सोसाइटी के लोग अनाज इकट्ठा करके उसे गरीब और जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाते थे।
यह सब देखकर उनके मन में भी कुछ ऐसा ही करने का कीड़ा जागा और आगे चलकर उन्होंने ISKON ज्वाइन किया तत्पश्चात वे एक सन्यासी बन गए और मानव कल्याण को अपना जीवन समर्पित करते हुए लोगों को जीवन जीने का सही सन्देश देने का काम करने लगे।
उनके आध्यात्मिक गुरु राधानाथ स्वामी जी रहे हैं, फिलहाल वर्तमान में गौर गोपाल दास इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस इस्कॉन के एक वरिष्ठ सन्यासी हैं जो भक्तिमार्ग के द्वारा लोगों के जीवन को सामान्य से बेहतरी की दिशा में ले जाने के लिए उन्हें प्रेरित करने का कार्य करते हैं।
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मोटिवेशनल स्पीच
गौर गोपाल दास का Motivational Speech सुनने के लिए उन्हें भारत के साथ-साथ विदेशों में भी खूब आमंत्रित किया जाता है, देश-विदेश के बड़े-बड़े कॉलेजों और कंपनियों और संस्थाओं में उन्हें सुनने के लिए आदरपूर्वक आमंत्रित किया जाता है, जैसे – इन्फोसिस, बार्कलेज, मैकिंटोश, इ.वाय..फोर्ड, बैंक ऑफ़ अमेरिका आदि।
वे एक लेखक भी हैं, उन्होंने लगभग 10 किताबें भी लिखी हैं और आज-कल सोशल मीडिया का ज़माना भी है, उस पर भी उनके बहुत अच्छे-खासे फॉलोवर हैं जो उनकी आध्यात्मिक, सांसारिक और प्रेरणादायक बातों को सुनते हैं और उन बातों से बहुत कुछ सीखते भी हैं।
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गौर गोपाल दास के विचार
वैसे तो गौर गोपाल दास के अनमोल विचारों की एक बड़ी श्रंखला है लेकिन फिलहाल हम उनके कुछ खाश विचारों को ही यहाँ पर हम लेकर आये हैं जो निम्नलिखित हैं।
अपने विश्वास को मजबूत करो, और आपकी सारी शंकायें दूर हो जायेंगी।
— गौर गोपाल दास
अगर आप अपने महसूस करने के तरीके को बदलना चाहते हैं तो आपको अपने जीने का तरीका बदलना होगा।
— गौर गोपाल दास
अपने जीवन को मोमबत्ती की तरह बनाओ, जो जलती जाती है लेकिन जाते-जाते लोगों के जीवन में उजाला कर जाती है।
— गौर गोपाल दास
आप जो करना पसंद करते हैं उसे जरूर करें, लेकिन जो आपको करना है, उससे प्यार करना शुरू करें, यही ख़ुशी का राज़ है।
— गौर गोपाल दास
जब तक मनुष्य दूसरे की उन्नति से जलता रहेगा, तब तक वह सुख और शांति का अनुभव नहीं कर पायेगा।
— गौर गोपाल दास
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दोस्तों, आशा करता हूँ कि यह आर्टिकल आपके ज्ञान के भंडार को पहले से और बेहतर बनायेगा साथ ही साथ आपको बुद्धजीवियों की श्रेणी में लेकर जायेगा, तो आज के लिए सिर्फ इतना ही, अगले आर्टिकल में हम फिर मिलेंगे, किसी नए टॉपिक के साथ, तब तक के लिए, जय हिन्द – जय भारत
लेखक परिचय
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