विष्णु पुराण का इतिहास उत्पत्ति और रहस्य
Share this article

विष्णु पुराण हिंदुओं का एक धार्मिक ग्रन्थ है, जिसमें भगवान विष्णु के चरित्र और उनके समस्त अवतारों के वर्णन के साथ-साथ ब्रह्माण्ड, पृथ्वी, मानवजाति, समेत सभी विषयों जैसे – गृह, नक्षत्र, तारों आदि का भी वर्णन भी मिलता है, इस आर्टिकल “विष्णु पुराण का इतिहास उत्पत्ति और रहस्य” के माध्यम से हम भगवान विष्णु के बारे में जानेंगे, तो आइये अब शुरू करते हैं…..

विष्णु पुराण का इतिहास उत्पत्ति और रहस्य (Image source : Webdunia)
विष्णु पुराण का इतिहास उत्पत्ति और रहस्य (Image source : Webdunia)
Contents hide
1 विष्णु पुराण का इतिहास उत्पत्ति और रहस्य
1.11 हमारे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म

विष्णु पुराण का इतिहास उत्पत्ति और रहस्य

विष्णु पुराण का इतिहास

Vishnu Puran Image Source Google Play
Vishnu Puran Image Source Google Play

विष्णु पुराण सभी 18 पुराणों में सबसे महत्वपूर्ण और प्राचीन है, यह श्री परासर ऋषि द्वारा प्रणीत है, इसके प्रतिपाद्य साक्षात नारायण अर्थात भगवान विष्णु हैं। भगवान विष्णु जो कि सृष्टि के आदिकारण, नित्य, अक्षय, अव्यय तथा एक रस हैं।

विष्णु पुराण में आकाश, पाताल, पर्वत, समुद्र, ब्रह्मांड में फैले ग्रहों, नक्षत्रों और तारों, सम्पूर्ण धर्म, तथा समस्त देवी-देवताओं के साथ-साथ देवर्षियों और राजर्षियों के चरित्र का विशद वर्णन है।

विष्णु पुराण वैसे तो भगवान विष्णु के ऊपर ही आधारित है लेकिन इसमें विष्णु के साथ-साथ भगवान शिव के अभिन्नता का प्रतिपादक है, इसमें श्री कृष्ण के चरित्र का वर्णन है, साथ ही साथ इसमें राम कथा का भी उल्लेख किया गया है।

विष्णु पुराण एक हिन्दू धार्मिक ग्रन्थ है, जिसके रचयिता महर्षि वेदव्यास जी हैं, इसका विषय विष्णु भक्ति है और भाषा संस्कृत है जिसका हिंदी में अनुवाद भी मिलता है, इसमें अन्य विषयों के साथ-साथ भूगोल,ज्योतिष, कर्मकांड, राजवंश आदि सहित कई प्रसंगों का वर्णन मिलता है।

 विष्णु पुराण में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की सर्वव्यापकता, ध्रुव, प्रह्लाद, वेनु आदि राजाओं का वर्णन और उनकी जीवनगाथा, विकास की परंपरा, सप्तसागरों के वर्णन, चौदह विद्याओं, वैवस्वत मनु, इक्ष्वाकु, कश्यप, पुरुवंश, कुरुवंश, यदुवंश के वर्णन, कल्पांत के महाप्रलय का वर्णन आदि विषयों पर विस्तृत विवेचना है, ज्ञान और भक्ति की धारा तो इसमें सर्वत्र ही प्रच्छन्न रूप से बह रही है।

यह भी पढ़ें > भक्त भागवत बृजवासी का जीवन परिचय

विष्णु पुराण की उत्पत्ति

Vishnu Puran Image Source : Google Play
Vishnu Puran Image Source : Google Play

अगर विष्णु पुराण के उत्पत्ति की बात की जाए तो इसके रचनाकार महर्षि वेदव्यास के पिता ऋषि पराशर रहे हैं, विष्णु पुराण में भगवान नारायण अर्थात विष्णु भगवान के चरित्र का विस्तार पूर्वक वर्णन किया गया है।

विष्णु पुराण में इस बात का वर्णन है कि जब ऋषि पराशर के पिता “शक्ति” को राक्षसों ने मार डाला तब ऋषि पराशर ने राक्षसों के विनाश के लिए रक्षोघ्न यज्ञ आरम्भ किया और उनके इस यज्ञ की शक्ति इतनी प्रबल थी कि हजारों राक्षस उनके यज्ञ कुंड में गिर-गिर कर स्वाहा होने लगे।

इसके बाद राक्षसों के पिता ऋषि पुलस्त्य और ऋषि पराशर के पितामह वशिष्ट ने ऋषि पराशर को समझाया जिसके कारण वह यज्ञ रुका और इस घटना से प्रसन्न होकर ऋषि पुलस्त्य ने ऋषि पराशर को विष्णु पुराण का रचयिता होने का आशीर्वाद दिया।

परिणामतः ऋषि पुलस्त्य के आशीर्वाद के कारण ऋषि पराशर को विष्णु पुराण का स्मरण हुआ और उन्होंने मैत्रेय जी को सम्पूर्ण विष्णु पुराण सुनाया, ऋषि पराशर और मैत्रेय जी का वही संवाद विष्णु पुराण में वर्णित है।

यह भी पढ़ें > गौर गोपाल दास की जीवनी>Gaur Gopal Dass Biography

विष्णु पुराण का रहस्य

Vishnu Puran Image Source Facebook
Vishnu Puran Image Source Facebook

सभी 18 पुराणों में विष्णु पुराण हालाँकि सबसे छोटा आकार का है, लेकिन यह पुराण सबसे महत्वपूर्ण है, विष्णु पुराण में कुल 6 अध्याय और 23000 श्लोक हैं, इसमें भगवान विष्णु के अवतारों का वर्णन है, भगवान नारायण के बालक भक्तों जैसे – ध्रुव और प्रह्लाद के भक्तिमय कथा का वर्णन है।

विष्णु पुराण में कृष्ण अवतार की कथा और राम की लीलाओं का भी वर्णन है, इसमें राजा पृथु की कथा का भी वर्णन है, साथ ही सूर्यवंशी और चंद्रवंशी राजाओं के इतिहास का भी वर्णन मिलता है।

यह भी पढ़ें > आचार्य प्रशांत की जीवनी>Acharya Prashant Biography

विष्णु पुराण का सारांश

Vishnu Puran Image Source AppAdvice
Vishnu Puran Image Source AppAdvice

विष्णु पुराण एक महान वैष्णववाद ग्रन्थ है, यह हिन्दू धर्म का एक मध्यकालीन पाठ है, जिसके सर्वोच्च देवता भगवान विष्णु हैं, सभी 18 पुराणों में से एक विष्णु पुराण हिन्दू शास्त्रों में एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

 ऋषि वेदव्यास ने भगवान ब्रह्मा जी के मार्गदर्शन में सतयुग के प्रथम चरण में इस शास्त्र की रचना की थी, जिसमे कुल 6 अध्याय और 23000 श्लोक हैं, जो भगवान विष्णु को इस ब्राह्मण के निर्माता के साथ-साथ पालनकर्ता के रूप में दर्शाता है।

विष्णु पुराण के अनुसार मान्यता है कि राजा पृथु के नाम पर ही पृथ्वी का नाम पृथ्वी पड़ा है, विष्णु पुराण में इस बात का भी उल्लेख है कि पृथ्वी पर मनुष्य जीवन को प्राप्त करना देवताओं से भी भाग्यवान होने जैसा ही क्योंकि ईश्वर की प्राप्ति और मोक्ष पाने का अवसर केवल मनुष्य जीवन में ही संभव माना है अन्य किसी और जीवन में नहीं।

विष्णु पुराण के अनुसार भगवान विष्णु की उत्पत्ति देवी दुर्गा और काल  ब्रह्म (ज्योति निरंजन) से हुई है, माना जाता है कि इसमें सबसे बड़े पुत्र भगवान ब्रह्मा, माध्यम पुत्र भगवान विष्णु और सबसे छोटे पुत्र भगवान शिव हैं।

देवी दुर्गा के ये तीनों ही पुत्र (ब्रह्मा, विष्णु और महेश) के नाम से जाने जाते हैं, जो कि वास्तवग में हमेशा के लिए अमर नहीं हैं, बल्कि जन्म लेते और मरते रहते हैं। इनमें भगवान ब्रह्मा सृष्टि के रचयिता हैं, भगवान विष्णु पालनकर्ता और भगवन शिव संहारक हैं।

फ़िलहाल विष्णु पुराण में भगवान विष्णु पर ही ज्यादा फोकस किया गया है इसलिए हम आपको बताना चाहेंगे कि भगवान विष्णु सतोगुण से सुसज्जित हैं, उनकी भूमिका काल के इक्कीस ब्रह्मांडो में तीन लीकों (स्वर्ग,पृथ्वी और पाताल लोक) के पालनकर्ता की है।

भगवान विष्णु पृथ्वी के समस्त जीवों का उनके कर्मों के अनुसार पालन-पोषण करते हैं। वे मानव जीवन के संरक्षक भी हैं, माता लक्ष्मी उनकी पत्नी हैं, वे चार प्रकार के शस्त्रों से युक्त हैं, जैसे – शंख, सुदर्शन चक्र, कमल का फूल और गदा, भगवान श्री विष्णु के वाहन गरुड़ हैं।

भगवान विष्णु के कुल 24 अवतार हैं जिनके नाम निम्नलिखित हैं…..

1.वराह अवतार

2. नारद अवतार

3. नर-नारायण अवतार

4. कपिल मुनि अवतार

5. दत्तात्रेय अवतार

                                                                                  6. यज्ञ अवतार

7. ऋषभदेव अवतार

8. आदिराजा पृथु अवतार

9. मत्स्य अवतार

10. कूर्म अवतार

11. धन्वन्तरि अवतार

                                                                   12. मोहिनी अवतार

13. नरसिंह अवतार

14. वामन अवतार

15. हयग्रीव अवतार

16. श्री हरी अवतार

17. ऋषि वेदव्यास अवतार

                                                                    18. हंस अवतार

19. श्री राम अवतार

20. श्री कृष्ण अवतार

21. गौतम बुद्ध अवतार

22. श्री सनकादिक मुनि अवतार

                                                                       23. परशुराम अवतार

24. कल्कि अवतार (जो अभी आना बाकी है)

यह भी पढ़ें > Jaya Kishori Biography In Hindiमत्स्य

सभी 18 पुराणों के नाम

Vishnu Puran Image Source Katha Sangrah
Vishnu Puran Image Source Katha Sangrah

1. विष्णु पुराण

2. भागवत पुराण

3. शिव पुराण

4. स्कंद पुराण

5. वायु पुराण

6. गरुण पुराण

 7. पद्म पुराण

8. मत्स्य पुराण

9. ब्रह्म पुराण

10. अग्नि पुराण

11. वाराह पुराण

12. वामन पुराण

13. लिंग पुराण

14. कूर्म पुराण

15. ब्रह्मांड पुराण

16. मार्कंडेय पुराण

17. नारद पुराण

18. ब्रह्म वैवर्त पुराण

दोस्तों, पुराण भारतीय साहित्य की पुरातन शैली है, जो विभिन्न पौराणिक विषयों, पारंपरिक विद्याओं, राजाओं, देवताओं, संतों, नायकों, मंदिरों, खगोल विज्ञान, हास्य आदि की वंशावली के बारे में दन्त कथाओं का वर्णन करती है, हिन्दू समाज में कुल 18 पुराण हैं, जिनके नाम आपने इस आर्टिकल में जाना साथ ही विष्णु पुराण का भी अपने संक्षिप्त दर्शन किया।

पुराणों की यह प्रकिया जो हमने अपने आर्टिकल के माध्यम से आरम्भ की है, यह प्रक्रिया बड़ी लम्बी चलने वाली है, जिनकी शुरुआत फ़िलहाल विष्णु पुराण से हुई है और अभी विष्णु पुराण पर ही बहुत सारे आर्टिकल आपके समक्ष आयेंगे, तत्पश्चात शिव पुराण होते हुए लगभग सभी पुराणों से हम आपको अवगत कराने की कोशिश करेंगे, इस प्रक्रिया में हम आपके साथ प्रभु इच्छा तक चलते रहेंगे…..चलते रहेंगे…..चलते रहेंगे…..ॐ नमो भगवते वासुदेवाय…..हरी ॐ नमो नारायणा…..जय श्री कृष्णा।

दोस्तों, आशा करता हूँ कि यह आर्टिकल आपके ज्ञान के भंडार को पहले से और बेहतर बनायेगा साथ ही साथ आपको बुद्धजीवियों की श्रेणी में लेकर जायेगा, तो आज के लिए सिर्फ इतना ही, अगले आर्टिकल में हम फिर मिलेंगे, किसी नए टॉपिक के साथ, तब तक के लिए, जय हिन्द – जय भारत

लेखक परिचय

इस वेबसाइट के संस्थापक अमित दुबे हैं, जो दिल्ली में रहते हैं, एक Youtuber & Blogger हैं, किताबें पढ़ने और जानकारियों को अर्जित करके लोगों के साथ शेयर करने के शौक के कारण सोशल मीडिया के क्षेत्र में आये हैं और एक वेबसाइट तथा दो Youtube चैनल के माध्यम से लोगों को Motivate करने तथा ज्ञान का प्रसार करने का काम कर रहे हैं।

हमारे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म

Website : www.motivemantra.com इस पर Motivational Article Publish होते हैं।

Youtube Channel (1) Motive Mantra by amit dubey इस पर Motivational Video Publish होते हैं।

Youtube Channel (2) : Knowledge Facts by amit dubey इस पर General Knowledge Video Publish होते हैं।

यह भी पढ़ें > गीता अध्याय-१ अर्जुन विषाद योग (कुरुक्षेत्र में युद्ध की तैयारी)

यह भी पढ़ें > गीता अध्याय-२ सांख्य योग (अर्जुन के भ्रम का विश्लेषण)

यह भी पढ़ें > गीता अध्याय-३ कर्म योग || Operation Gita

यह भी पढ़ें > गीता अध्याय-४ ज्ञान-कर्म-सन्यास-योग || Operation Gita

यह भी पढ़ें > गीता अध्याय-५ कर्म-सन्यास योग || Operation Gita

यह भी पढ़ें > गीता अध्याय-६ ध्यानयोग || Operation Gita

यह भी पढ़ें > गीता अध्याय-७ ज्ञान विज्ञान योग || Operation Gita

यह भी पढ़ें > गीता अध्याय-८ अक्षर ब्रह्मं योग || Operation Gita

यह भी पढ़ें > गीता अध्याय-९ राजगुह्य योग || Operation Gita

यह भी पढ़ें > गीता अध्याय-१० विभूति योग || Operation Gita

यह भी पढ़ें > गीता अध्याय-११ विश्वरूप दर्शन योग || Operation Gita

यह भी पढ़ें > गीता अध्याय-१२ भक्तियोग || Operation Gita

यह भी पढ़ें > गीता अध्याय-१३ क्षेत्र क्षेत्रज्ञ विभाग योग || Operation Gita

यह भी पढ़ें > गीता अध्याय-१४ गुण त्रय विभाग योग || Operation Gita

यह भी पढ़ें > गीता अध्याय-१५ पुरुषोत्तम योग || Operation Gita

यह भी पढ़ें > गीता अध्याय-१६ देव असुर संपदा विभाग योग || Operation Gita

यह भी पढ़ें > गीता अध्याय-१७ श्रद्धात्रय विभाग योग || Operation Gita

यह भी पढ़ें > गीता अध्याय-१८ मोक्षसंन्यास योग || Operation Gita

इन्हें भी तो पढ़ें

What Is SEO | 25 SEO Tips In Hindi

नरेंद्र मोदी ने अपनी पत्नी को क्यों छोड़ा था

रतन टाटा की जीवनी | Ratan Tata Biography In Hindi

चीन का नकली सूरज कैसा है ? | चीन ने बनाया कृत्रिम सूरज

ममता बनर्जी की जीवनी | Mamta Banerjee Biography In Hindi

हमारा यूट्यूब चैनल : Motive Mantra By Amit Dubey

 


Share this article

Leave a Reply

Your email address will not be published.

© Beli. All Rights Reserved.